Wednesday, 4 November 2020

Chanda Re Chanda Re - Kajol, Prabhu Deva, Hariharan, Sadhna, A R Rahman,...

Chanda Re Chanda Re - Kajol, Prabhu Deva, Hariharan, Sadhna, A R Rahman,...“शरारती मन मोहे है, किनमिनाते सप्तऋषि, अविचलित ध्रुव को भी अपनी टेढ़ी मुस्कान से सम्मोहित करता। पर दूसरे ही पल तटस्थ योगी दिखता है, चुप्पी साधे पूरब से पश्चिम की यात्रा पूरी करता।

नज़र भर देख लूं तो जाने क्या मंत्र फूंक देता है ये चांद मुझ पर। मन करे, रंग दूं इसके गालों को टेसू की अगन से, शर्माई का लाल छूटे न महीनों तक या हल्दी-चंदन का तिलक कर दूं इसके सलोने माथे पर। केसरिया बांका, ताव दिए घूमे मूंछों पर।”

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